लेखनी प्रतियोगिता -30-Apr-2022 आजा ओ निंदिया (लोरी)
रचयिता-प्रियंका भूतड़ा
शीर्षक-आजा ओ निंदिया (लोरी)
आजा ओ निंदिया
सुनाऊं मैं तुझको ओ मेरे लाडला
आजा ओ निंदिया
आजा ओ निंदिया
निंदिया रानी तू आजा
आ तुझको सुनाऊ लोरी यही
ओ मेरे सांवले सलोने
अब सो जा जरा.... तू
अब निंदिया रानी तुझको बुलाती
अपने आगोश में तुझको सुलाती
सपने तुझको यही दिखाती
यही सुनाती हूं लोरी तुझको
आजा ओ निंदिया
आजा ओ निंदिया
निंदिया रानी तू आजा
निंदिया रानी दिखाएगी तुझको
अपने पलकों में समायेगी तुझको
अपना आंचल ओढायेगी तुझको
यही सुनाती हूं लोरी तुझको
आजा ओ निंदिया
आजा ओ निंदिया
निंदिया रानी तू आजा
निंदिया रानी कहे यही तुझको
आ ले चलु मैं परियों के देश
खेलेगा खेल तू अनेक
यही सुनाती हूं लोरी तुझको
आजा ओ निंदिया
आजा ओ निंदिया
निंदिया रानी
सांवली सूरत तेरी ,मोह लेंगी मन को
तारे बनेंगे तेरे मित्र
होगा तेरा वहां आशियाना
ओ मेरा लाडला
यही सुनाती हूं लोरी तुझको
आजा ओ निंदिया
आजा ओ निंदिया
Abhinav ji
02-May-2022 06:28 AM
Nice👍
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Shrishti pandey
01-May-2022 09:36 PM
Very nice
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Punam verma
01-May-2022 03:44 PM
Nice
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